दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका ने भारत को 51 रन से हराया और पाँच मैचों की सिरीज़ 1–1 से बराबर कर ली.
यह मुक़ाबला सिर्फ़ एक टी-20 मैच नहीं, बल्कि बदलती परिस्थितियों में संयम और रणनीति की परीक्षा साबित हुआ.
भारत 214 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए लड़खड़ा गया और तिलक वर्मा के 62 रन के जुझारूपन के अलावा कोई ठोस योगदान नहीं मिल सका.
जीत दक्षिण अफ़्रीका की अनुशासित योजनाओं और भारत की लगातार ग़लतियों के बीच खींची स्पष्ट रेखा बनकर सामने आई.
अर्शदीप के सात वाइड गेंदों वाले ओवर की भी अब ख़ूब चर्चा हो रही है और इसके बहाने कोच गौतम गंभीर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की एक तस्वीर शेयर करते हुए कह रहे हैं कि अर्शदीप सिंह के लगातार वाइड फेंकने की वजह से गंभीर ग़ुस्से में थे.
एक यूज़र ने गौतम गंभीर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “गौतम गंभीर हाथ मिलाते हुए बहुत ग़ुस्से में लग रहे हैं, अर्शदीप सिंह और जितेश शर्मा से. गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट टीम का माहौल ख़राब कर दिया है. क्या कोच का अपने खिलाड़ियों के साथ इतना गंदा व्यवहार करना सही है?”
वहीं एक और यूज़र ने लिखा, “अर्शदीप सिंह सबसे लंबा ओवर फेंकने वाले टी20 खिलाड़ी बन गए हैं. गौतम गंभीर ग़ुस्से में हैं.”
हालाँकि, कुछ यूज़र्स गौतम गंभीर का बचाव भी कर रहे हैं. एक यूज़र ने लिखा, “पिछले मैच में इंडिया जीत गया तो सारी तारीफ़ प्लेयर्स की. आज हार गए तो सारा क्रिटिसिज़्म गंभीर का.”
भारत की हार के लिए ये तीन बड़ी ग़लतियाँ ज़िम्मेदार!
टॉप ऑर्डर का बिखरना और नेतृत्व की विफलता: 214 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए, शुभमन गिल (0) का गोल्डन डक और कप्तान सूर्यकुमार यादव (5) का सस्ते में आउट होना सबसे बड़ा झटका था.
इस ख़राब शुरुआत के बाद, नंबर 3 पर अक्षर पटेल को भेजने का प्रयोग भी बुरी तरह विफल रहा (21 गेंदों में 21 रन), जिसने शुरुआती झटकों से उबरने के बजाय टीम पर दबाव और बढ़ा दिया.
गेंदबाज़ी में अनुशासनहीनता और अतिरिक्त रन: टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुनने के बावजूद, ओस के कारण भारतीय गेंदबाज़ अपनी लाइन और लेंथ पर काबू नहीं रख पाए. उन्होंने कुल 16 वाइड और 13 फुल टॉस फेंके, जिससे दक्षिण अफ़्रीका को आसानी से 22 अतिरिक्त रन मिले.
इस अनुशासनहीनता ने प्रोटियाज़ को 213 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर बनाने में मदद की. वहीं दूसरी ओर दक्षिण अफ़्रीका ने उन्हीं परिस्थितियों में योजनाबद्ध और अनुशासित गेंदबाज़ी की, जिससे भारत पर लगातार दबाव बना रहा. यही अंतर अंततः परिणाम तय करने वाला साबित हुआ.
स्ट्राइक रोटेशन में कमी और सहयोगी बल्लेबाज़ों का धीमापन: हालाँकि तिलक वर्मा (62) ने अकेले संघर्ष किया, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला.
हार्दिक पांड्या 23 गेंदों में 20 रन ही जोड़ सके, जिससे ज़रूरी रन रेट तेज़ी से बढ़ता चला गया.
मिडिल ओवरों में स्ट्राइक रोटेशन की कमी से तिलक वर्मा पर अतिरिक्त दबाव पड़ा, जिसका फ़ायदा दक्षिण अफ़्रीका के अनुशासित गेंदबाज़ों (बार्टमैन 4/24, यान्सेन 2/25) ने उठाया.
कप्तान-उपकप्तान पर बढ़ता दबाव
कप्तान सूर्यकुमार यादव और उपकप्तान शुभमन गिल की लगातार कमज़ोर फ़ॉर्म फ़ैन्स की नाराज़गी और वर्ल्ड कप से पहले टीम की चिंता का कारण बनी हुई है.
एशिया कप से पहले उप कप्तान बनकर लौटे शुभमन गिल अपनी लय नहीं पा सके. दूसरे T20I में उनकी पारी सिर्फ़ एक गेंद तक चली.
लुंगी एनगीडी की गेंद को छूने की कोशिश में वह स्लिप में कैच दे बैठे. पिछली 17 पारियों में उनके बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला और सितंबर के बाद सिर्फ़ तीन बार ही 30 रन के पार पहुँचे.
इरफ़ान पठान ने उनके फ़ॉर्म को टीम इंडिया की अब बढ़ती चिंता बताया है. प्रशंसक इसलिए भी नाराज़ हैं क्योंकि संजू सैमसन जैसे विकल्प बाहर बैठे हुए हैं.
वहीं, कभी नंबर एक T20 बल्लेबाज़ रहे सूर्यकुमार यादव भी लगातार संघर्ष कर रहे हैं. नंबर 4 पर आए सूर्य सिर्फ़ 5 रन बनाकर आउट हुए.
2024 से उनका T20 इंटरनेशनल औसत 21 तक गिर चुका है. इस साल खेले 17 मैचों में यह औसत और घटकर 14.35 रह गया है. वर्ल्ड कप से पहले कप्तान और उपकप्तान दोनों का लय से बाहर होना टीम के लिए सबसे बड़ा सवाल बन चुका है.
तिलक वर्मा का जज़्बा, बार्टमैन का निर्णायक ओवर
तिलक वर्मा ने 62 रन की संयमित पारी खेली, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें सहयोग नहीं मिला.
बार्टमैन ने 19वें ओवर में तीन विकेट लेकर भारत की बची–खुची उम्मीदें खत्म कर दीं. वह 4/24 के साथ दक्षिण अफ़्रीका के सबसे प्रभावी गेंदबाज़ रहे. भारत की पारी 162 रन पर सिमट गई.
इस मैच में भी संजू सैमसन को खेलने का मौक़ा नहीं मिला, क्योंकि विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के तौर पर एक बार फिर जितेश शर्मा को उनसे पहले तरजीह दी गई.
स्क्वाड में शामिल होने के बावजूद, सैमसन को एक बार फिर बेंच पर ही बैठना पड़ा. मैच के दौरान एक पल ऐसा आया जब कैमरे हेड कोच गौतम गंभीर के ठीक पीछे बैठे संजू सैमसन की ओर घूमे.
वह काफ़ी उदास और हताश दिखाई दे रहे थे और मैदान पर चल रहे खेल को निराशा भरे अंदाज़ में देखते रहे.
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने स्वीकार किया कि टीम बदलती परिस्थितियों के अनुरूप तेज़ी से योजनाएँ नहीं बदल पाई. उन्होंने कहा कि टॉप ऑर्डर को बेहतर शुरुआत देनी चाहिए थी.
“दक्षिण अफ़्रीका से हमें सीखना होगा. बल्लेबाज़ी में, मैं और शुभमन बेहतर शुरुआत दे सकते थे. अभिषेक हर बार यह नहीं कर सकता. मुझे और गहराई तक बल्लेबाज़ी करनी चाहिए थी. हम सीखेंगे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे. अक्षर को नंबर 3 पर इसलिए भेजा क्योंकि हमने उसे पहले भी उस जगह पर अच्छा खेलते देखा है. उसने ठीक बल्लेबाज़ी की, अब देखते हैं अगले मैचों में क्या होता है.”
दक्षिण अफ़्रीका के कप्तान एडेन मार्करम ने डी कॉक की पारी और गेंदबाज़ों के अनुशासित प्रदर्शन को जीत की बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि टीम ने फ़ील्डिंग और गेंदबाज़ी दोनों में पिछले मैच की तुलना में बेहतर काम किया.
“निश्चित रूप से, हमारी शुरुआत क्विनी (डी कॉक) की एक ख़ास पारी से हुई और अंत में कुछ बहुत अच्छे योगदान मिले, जिसने हमें एक बहुत अच्छे टोटल तक पहुँचाया. मुझे लगा कि हमारे गेंदबाज़ पहले मैच में भी अच्छे थे और आज शाम तो और भी बेहतर थे, इसलिए वे निश्चित रूप से सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसे देखना शानदार है. और स्वाभाविक रूप से, फील्डिंग के लिहाज़ से, पहले दो मैच शानदार रहे हैं.”
विशेषज्ञों की राय
रवि शास्त्री और डेल स्टेन ने अक्षर पटेल को नंबर 3 पर भेजने के भारत के फ़ैसले की आलोचना की है और इसे अनावश्यक प्रयोग बताया.
उनका कहना है कि अगर भारत अपने बेहतरीन बल्लेबाज़ों को ऊपर भेजता, तो टीम सिरीज़ में 2–0 की बढ़त ले सकती थी.
स्टेन ने इसे भारतीय मुख्य कोच गौतम गंभीर का “अजीब फ़ैसला” बताया.
वहीं रॉबिन उथप्पा का मानना है कि T20 क्रिकेट में लचीलापन रखने की ज़रूरत पावरप्ले के छह ओवर खत्म होने के बाद ही आती है.
सूर्यकुमार यादव की फ़ॉर्म और निर्णय क्षमता को लेकर भी चर्चा तेज़ है. रॉबिन उथप्पा का मानना है कि अगर इस तरह की हार जारी रही तो कप्तान का आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है.

