जम्मू कश्मीर पुलिस ने डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया, आतंकियों की मदद कर रही थी, जानें क्या थी आतंकियों की साजिश?

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जम्मू कश्मीर पुलिस इस मामले में कई दिनों से कार्रवाई कर रही थी और अब देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार छापेमारी की जा रही है। इसके साथ ही आतंकी साजिश में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकी साजिश से जुड़े मामले में एक और गिरफ्तारी की है। लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन को भी गिरफ्तार किया गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने जिस महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, उसका नाम शाहीन शाहिद है। वह लखनऊ लाल बाग की रहने वाली है। फरीदाबाद में जिस डॉक्टर के घर से बड़े पैमाने पर विस्फोटक मिला है, वह इसी महिला डॉक्टर की कार इस्तेमाल करता था। इसी महिला डॉक्टर की कार से राइफल और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। अब पुलिस ने इस महिला को भी गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बड़ी आतंकी साजिश नाकाम करते हुए अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 2,900 किलोग्राम IED बनाने वाली सामग्री (विस्फोटक, रासायनिक पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, टाइमर आदि) जब्त की है। यह कार्रवाई श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल, शोपियां (जम्मू-कश्मीर), फरीदाबाद (हरियाणा), सहारनपुर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुई। गिरफ्तारियां लगातार हो रही हैं, क्योंकि पूछताछ से नए लिंक उजागर हो रहे हैं।

क्या है मामला?
19-27 अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर्स चिपके मिले। इन पोस्टर के जरिए सुरक्षा बलों को धमकी दी गई थी। सीसीटीवी फुटेज में डॉ. आदिल नजर आया। श्रीनगर पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज किया और 6 नवंबर को डॉ. आदिल पकड़ गया और उसके लॉकर से एके-47 गन मिली। पूछताछ में उसने अपने साथियों के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने लगातार छापेमारी कर अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। यह संख्या 8 से आगे जा सकती है, क्योंकि पूछताछ के दौरान कई नए नाम सामने आ रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।

पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में थे आतंकी
पकड़े गए आतंकी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे। यह मॉड्यूल ‘व्हाइट-कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ का हिस्सा था, जिसमें प्रोफेशनल्स (जैसे डॉक्टर) और छात्र शामिल थे। ये लोग विदेशी हैंडलर्स (मुख्य रूप से आईएसआई) के संपर्क में थे और रेडिकलाइजेशन, फंड कलेक्शन, IED बनाने में जुटे थे। यह नेटवर्क बड़े आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था। ये लोग उत्तर प्रदेश में आरएसएस ऑफिस, दिल्ली और अहमदाबाद के बाजारों पर हमले की साजिश रच रहे थे। यह मॉड्यूल प्रोफेशनल्स को रिक्रूट कर रहा था, जो सामान्य दिखते थे लेकिन हथियार/विस्फोटक तस्करी कर रहे थे। पुलिस का दावा है कि इससे दिल्ली-NCR और गुजरात में बड़े हमले रुक गए।

फरीदाबाद में क्या मिला?
श्रीनगर में पोस्टर चिपकाने वाले डॉ. आदिल को अहमद राथर को सहारनपुर (यूपी) के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जो लखनऊ से करीब 500 किमी दूर है। डॉ. आदिल ने डॉ. मुजम्मिल शकील का नाम लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। शकील फरीदाबाद में किराए के फ्लैट में रहता था। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारा। यहां से 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट (बम बनाने का मुख्य रसायन), AK-47 राइफल, 84 कारतूस और IED कंपोनेंट्स बरामद हुए। यह सामग्री बड़े हमलों के लिए स्टोर की गई थी। फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने इसे “15 दिनों के संयुक्त ऑपरेशन” का नतीजा बताया।

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