नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अब सिर्फ रिटायरमेंट के बाद की पेंशन स्कीम मानना गलत होगा। हालिया सुधारों के बाद NPS खासकर नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स के लिए कहीं ज्यादा लचीला और फायदेमंद बन गया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS के एग्जिट और विदड्रॉल नियमों में बड़े बदलाव किए हैं।नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अब सिर्फ रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन स्कीम मानना सही नहीं होगा। ताजा सुधारों के बाद NPS नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स के लिए कहीं ज्यादा फ्लेक्सिबल और अट्रैक्टिव हो गया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए नॉन-सरकारी निवेशकों को 80% तक रकम एक बार में निकालने की अनुमति दे दी है। कुछ खास परिस्थितियों में तो पूरा 100% कॉर्पस भी निकाला जा सकता है।
पहले तक स्थिति यह थी कि 60 साल की उम्र या रिटायरमेंट पर अगर NPS कॉर्पस 5 लाख रुपये से ज्यादा होता था, तो अधिकतम 60% रकम ही लंपसम निकाली जा सकती थी और बाकी से अनिवार्य रूप से एन्युटी खरीदनी होती थी। लेकिन नए नियमों ने निवेशकों को बड़ी राहत दी है।
1. जब कॉर्पस 8 लाख रुपये तक हो
अगर किसी नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर का NPS कॉर्पस 8 लाख रुपये तक है, तो वह 80% रकम लंपसम निकाल सकता है और बाकी 20% से एन्युटी खरीदनी होगी। हालांकि, इसी कैटेगरी में उसे पूरा 100% पैसा एक साथ निकालने का भी विकल्प मिलेगा, जिसमें एन्युटी खरीदना जरूरी नहीं है।
2. 8 लाख से 12 लाख रुपये तक का कॉर्पस
इस रेंज में निवेशक 80% रकम लंपसम निकाल सकता है और कम से कम 20% से एन्युटी लेनी होगी। इसके अलावा दो और विकल्प हैं—या तो 6 लाख रुपये लंपसम निकालकर बाकी रकम से कम से कम 6 साल के लिए सिस्टमेटिक यूनिट रिडेम्पशन (SUR) शुरू करें, या फिर 6 लाख रुपये निकालकर शेष राशि से एन्युटी खरीदें।
3. 12 लाख रुपये से ज्यादा कॉर्पस
अगर NPS कॉर्पस 12 लाख रुपये से अधिक है, तो 80% रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है, जबकि बाकी 20% से एन्युटी लेना अनिवार्य होगा।
4. 60 साल के बाद NPS जॉइन करने वाले
जो नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर 60 साल या उसके बाद NPS से जुड़े हैं, उन्हें भी 80% लंपसम निकासी का विकल्प मिलेगा। अगर कॉर्पस 12 लाख रुपये तक है, तो वे चाहें तो पूरा 100% पैसा भी निकाल सकते हैं।
5. 12 लाख से ज्यादा कॉर्पस (सीमित विकल्प)
इस स्थिति में केवल एक ही ऑप्शन है 80% लंपसम निकासी और 20% एन्युटी।
एक और अहम बदलाव यह है कि अब न्यूनतम एन्युटी खरीदने की सीमा 40% से घटाकर 20% कर दी गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बदलाव उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो रिटायरमेंट के बाद अपने निवेश खुद मैनेज करना चाहते हैं।

