प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में दिवाली से पहले जीएसटी रेट में कटौती की घोषणा की थी।
जीएसटी रेट में कटौती के बावजूद अक्टूबर में हुई जबरदस्त त्योहारी खरीद के कारण ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया। बताते चलें कि देशभर में 22 सितंबर (शारदीय नवरात्रि का पहला दिन) से रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल समेत कुल 375 चीजों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें लागू हुईं थीं। 22 सितंबर को नवरात्रि का पहला दिन था और ये समय नए सामान खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। अक्टूबर के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े त्योहारी सत्र की बिक्री और दबी हुई मांग के प्रभाव को दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को किया था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में दिवाली से पहले जीएसटी रेट में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद उपभोक्ताओं ने जीएसटी दरों में कटौती का इंतजार करते हुए अपनी खरीदारी का फैसला टाल दिया था। शनिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर 2024 के 1.87 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से 4.6 प्रतिशत ज्याजा है। इससे पहले, सितंबर में 1.89 लाख करोड़ रुपये का ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन हुआ था, जबकि अगस्त में जीएसटी से 1.86 लाख करोड़ रुपये आए थे।
9 प्रतिशत की औसत वृद्धि की तुलना में कम हुआ कलेक्शन
हालांकि, अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन में सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी पिछले महीनों में देखी गई लगभग 9 प्रतिशत की औसत वृद्धि से कम है। सकल घरेलू राजस्व, जो स्थानीय बिक्री का एक संकेतक है, अक्टूबर में दो प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। दूसरी ओर आयात कर लगभग 13 प्रतिशत बढ़कर 50,884 करोड़ रुपये रहा। जीएसटी रिफंड भी सालाना आधार पर 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपये हो गया। अक्टूबर 2025 में नेट जीएसटी रेवेन्यू 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 0.2 प्रतिशत ज्यादा है।

