जमीन के लालच में खून के रिश्ते तार-तार, रात के अंधेरे में हमला, घर तोड़ा, लूट का आरोप, अब भी मिल रही जान से मारने की धमकियां

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बौसी (बांका)।
जिले में जमीन विवाद ने सनसनीखेज रूप ले लिया है। बौसी थाना क्षेत्र में पुश्तैनी और खरीदी गई जमीन को लेकर खून के रिश्तों के बीच ऐसा टकराव हुआ कि मामला मारपीट, घर तोड़फोड़, लूट और जान से मारने की धमकी तक पहुंच गया। पीड़ित पक्ष ने थाने से लेकर न्यायालय तक गुहार लगाई है।

पीड़ित राजकुमार साह, पिता बाबू लाल साह, निवासी दलिया, थाना बौसी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि उन्होंने खाता संख्या 79, खेसरा संख्या 43/17 में स्थित लगभग दो डिसमिल जमीन विधिवत खरीदी थी, जिस पर उनका मकान बना हुआ है और वे वर्षों से परिवार के साथ रह रहे हैं। आरोप है कि पारस साह के परिवार के कुछ सदस्यों ने जबरन उक्त मकान पर कब्जा कर लिया।

राजकुमार साह के अनुसार, जब उन्होंने मकान खाली करने को कहा तो पहले 10–20 दिनों में समझौते का आश्वासन दिया गया, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा गया। 12 नवंबर की रात करीब 9:30 बजे जब वे घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में शीतला स्थान के पास आरोपियों ने उन्हें घेर लिया। गाली-गलौज करते हुए कहा गया कि मकान खाली नहीं किया जाएगा और अतिरिक्त पैसे की मांग की गई।

पीड़ित का आरोप है कि इसी दौरान लोहे की रॉड से जान मारने की नीयत से हमला किया गया। किसी तरह बचाव करने पर रॉड उनकी मोटरसाइकिल पर जा लगी, जिससे वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। हंगामे के बीच जेब में रखे पांच हजार रुपये भी छीने जाने का आरोप लगाया गया। शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए।

मामले की जड़ केवल यहीं तक सीमित नहीं है। इसी परिवार से जुड़े एक अन्य पीड़ित कुंदन कुमार ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 23 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे उनके ही भाई छोटू कुमार, चंदन कुमार साह और उनके कई साथियों ने घर पर धावा बोल दिया। परिवार के सभी लोगों को एक कमरे में बंद कर दिया गया और घर का सारा सामान तोड़फोड़ कर उठा ले गए। खिड़की और दरवाजे तक उखाड़ दिए गए।

कुंदन कुमार का आरोप है कि पुश्तैनी जमीन में से दो डिसमिल जमीन बिना बंटवारे के बेच दी गई, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जब उन्होंने घर और जमीन खाली करने से इनकार किया तो विवाद बढ़ गया। अपनी जमीन और घर बचाने के लिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली, लेकिन इसके बाद दबाव और धमकियां और तेज हो गईं। आरोप है कि उनका घर तक तोड़ दिया गया, जिससे उन्हें बच्चों समेत दूसरी जगह रहने को मजबूर होना पड़ा।

सबसे गंभीर बात यह है कि अब भी कुंदन कुमार और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि धमकियों के कारण वे भय के साए में जीने को मजबूर हैं और किसी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी हुई है।

इधर, पीड़ित पक्ष ने न्यायालय में भी दावा किया है कि जिस जमीन की बिक्री दिखाई जा रही है, वह विक्रेता की नहीं थी। कथित बिक्री विलेख को अवैध, शून्य और अधिकारविहीन बताते हुए स्वामित्व की घोषणा और अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई है। मामला न्यायालय में लंबित बताया जा रहा है।

पूरे घटनाक्रम से इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के लालच में रिश्तों की सारी मर्यादाएं टूट रही हैं। फिलहाल पुलिस आवेदन के आधार पर मामले की जांच में जुटी है और पीड़ित परिवार सुरक्षा की मांग कर रहा है।

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