नरसिंहगढ़ (राजगढ़): लसूड़ल्या रामनाथ (कुरावर) गांव में जमीन घोटाले का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। गांव के निवासी नानू राम पिता रामचरण ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से उनकी जमीन की रजिस्ट्री धोखाधड़ी से किसी अन्य व्यक्ति के नाम कर दी गई है।
संदेह ने उठाए कई सवाल
नानू राम ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन के दस्तावेज़ों की जांच-पड़ताल के लिए तहसील कार्यालय और पटवार घर में कई बार चक्कर लगाए, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी। पटवारी से लेकर रजिस्ट्रार तक, किसी ने भी उन्हें जमीन की वास्तविक स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
“मैंने बार-बार अधिकारियों से पूछा कि मेरी जमीन की रजिस्ट्री किसी के नाम हुई है या नहीं, लेकिन सभी ने जवाब देने से इंकार कर दिया। उनकी चुप्पी यह साबित करती है कि कुछ बड़ा घोटाला हुआ है,” नानू राम ने कहा।
प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा शक
नानू राम का दावा है कि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की चुप्पी उनकी आशंका को और मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि पटवारी और तहसीलदार के पास सभी जमीन के रिकॉर्ड होते हैं, लेकिन जब मैंने उनसे अपनी जमीन का स्टेटस पूछा, तो उन्होंने टालमटोल कर दिया।
मीडिया से की अपील: भ्रष्टाचार को करें उजागर
नानू राम ने मीडिया के सामने आकर अपनी व्यथा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मेरी जमीन का मामला नहीं है, यह पूरे क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार की कहानी है। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से की गई है। यह भ्रष्टाचार का खुला खेल है, जिसे मीडिया के माध्यम से उजागर करना जरूरी है।”
मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
नानू राम ने राज्य के मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “मैंने हर संभव कोशिश की, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। अब मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस मामले पर ध्यान देंगे और मुझे मेरी जमीन वापस दिलाएंगे।”
गांव में चर्चा का विषय बना मामला
यह मामला अब गांव और आसपास के क्षेत्र में चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना अकेली नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
ग्रामीणों की मांग: जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो
गांववालों ने भी इस मामले में नानू राम का समर्थन किया है और प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस तरह के घोटाले होते रहे, तो आम जनता का सिस्टम से विश्वास उठ जाएगा।
निष्कर्ष
नानू राम की यह व्यथा सिर्फ एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार के उस जाल को उजागर करती है, जो आम जनता को अपने अधिकारों से वंचित कर रहा है। यह देखना अब जरूरी होगा कि मुख्यमंत्री और प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं।
ई खबर मीडिया के लिए देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट


