जयपुर, राजस्थान।
राजस्थान के जयपुर जिला,तहसील आमेर गाँव बिलपुर की रहने वाली 30 वर्षीय निरमा देवी एक ऐसी महिला हैं, जिनकी जिंदगी गरीबी और संघर्ष की दास्तां बयान करती है। चार बच्चों की मां निरमा देवी अपने परिवार का पालन-पोषण करने में असमर्थ हो चुकी हैं और उन्होंने सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उनकी जिंदगी इतनी कठिन हो चुकी है कि कई बार तो परिवार को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता।
झोपड़ी में गुजर-बसर, पक्के मकान का सपना अधूरा
निरमा देवी ने बताया कि उनका परिवार एक झोपड़ी में रहने को मजबूर है। तेज धूप, बारिश और ठंड जैसे मौसमों में उनका जीवन और भी कठिन हो जाता है। “हमारे पास पक्का मकान नहीं है। झोपड़ी में रहकर बच्चों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कई बार तो हमें भूखा सोना पड़ता है,” निरमा देवी ने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार से पक्का मकान देने की मांग की है।
पति धर्मानाथ को नौकरी दिलाने की मांग
निरमा देवी के पति धर्मानाथ बेरोजगार हैं, और इस कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा, “यदि मेरे पति को सरकारी नौकरी मिल जाए, तो हमारे परिवार की स्थिति सुधर सकती है। हमारे बच्चों को सही शिक्षा और भोजन मिल सकेगा।”
बच्चों के भविष्य पर संकट
चार बच्चों की मां निरमा देवी ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबी के कारण उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। “हम गरीब लोग हैं। मेरे बच्चों को सही खाना और शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सरकार हमारी मदद करे, ताकि हमारे बच्चों का भविष्य सुधर सके,” उन्होंने मीडिया के सामने कहा।
मदद की गुहार और भावुक अपील
निरमा देवी ने मीडिया के माध्यम से सरकार, प्रशासन और समाजसेवियों से अपील की है कि वे उनकी मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, “हमारी आवाज को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाए। हमें पक्का मकान दिया जाए और हमारे पति को रोजगार मिल सके।”
जनता और समाजसेवियों से अपील
निरमा देवी ने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे उनके परिवार की आर्थिक मदद करें। उन्होंने कहा, “यदि कोई हमारे बच्चों के लिए मदद करना चाहता है, तो वह हमसे संपर्क कर सकता है। हमारा नंबर 7852818485 है। आपकी मदद से हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।”
संघर्ष और उम्मीद
निरमा देवी की कहानी उन लाखों गरीब परिवारों की सच्चाई है, जो सरकार की योजनाओं तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी उम्मीदें अब प्रशासन और समाज की मदद पर टिकी हैं।
निरमा देवी के शब्दों में:
“हम गरीब हैं, लेकिन हमारे सपने भी बड़े हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों को भूख और गरीबी से लड़ना न पड़े। हमें सिर्फ एक मौका चाहिए।”
आपकी मदद जरूरी:
यदि आप निरमा देवी और उनके परिवार की मदद करना चाहते हैं, तो उनके दिए गए नंबर पर संपर्क करें और उनकी आर्थिक सहायता करें। आपकी छोटी-सी मदद उनके परिवार के लिए बड़ा सहारा बन सकती है।
सरकार से सवाल
अब यह देखना होगा कि क्या सरकार और प्रशासन निरमा देवी की इस अपील को सुनते हैं और उनके परिवार की मदद के लिए आगे आते हैं।

