गंदा पानी और कीचड़ से त्रस्त ग्रामीण, रास्ता बना मुसीबत
हरदोई | रिपोर्ट: गौरव पांडेय
जनपद हरदोई के थाना टढ़ियावां क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तौकलपुर में गंदा पानी और कीचड़ ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। गांव के मुख्य रास्ते पर जगह-जगह जलभराव और कीचड़ फैली हुई है, जिससे लोगों का निकलना दूभर हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले डला खंजा अब पूरी तरह टूट चुका है, लेकिन उसके बाद आज तक न तो मरम्मत कराई गई और न ही नाली निर्माण का कोई कार्य कराया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब से मनीष कुमार ग्राम प्रधान बने हैं, तब से इस रास्ते की ओर उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया। गांव के लोगों का कहना है कि प्रधान न तो गांव का निरीक्षण करने आते हैं और न ही जनता की समस्याएं सुनते हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद केवल आश्वासन ही मिला, काम आज तक शुरू नहीं हुआ।
बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि कीचड़ और गंदे पानी के कारण बच्चों को स्कूल जाने में भारी दिक्कत होती है। बुजुर्गों और महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बारिश के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है, रास्ते में गहरे गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे गिरने का खतरा बना रहता है।
“बजट नहीं है” कहकर टाल देते हैं प्रधान
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी प्रधान से रास्ता और नाली बनवाने की बात कही जाती है तो वे यही जवाब देते हैं कि अभी बजट नहीं आया है। लोगों का आरोप है कि प्रधान बनने के बाद से आज तक उन्होंने किसी भी विकास कार्य के लिए पहल नहीं की। न केवल तौकलपुर, बल्कि आसपास के गांवों में भी किसी तरह का विकास कार्य दिखाई नहीं देता।
84 कोसी परिक्रमा मार्ग होने के बावजूद बदहाली
ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के अंतर्गत आता है। हर साल हजारों साधु-संत और श्रद्धालु इसी रास्ते से होकर परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के समय गांव के लोग खुद मिट्टी और ईंट डालकर किसी तरह रास्ता चलने लायक बनाते हैं, ताकि श्रद्धालु निकल सकें। परिक्रमा खत्म होते ही रास्ते की हालत फिर पहले जैसी हो जाती है।
ग्रामीणों की सरकार से गुहार
गांव के लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस रास्ते का पक्का निर्माण कराया जाए और नाली बनवाई जाए, ताकि जलभराव से मुक्ति मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय नेता हाथ जोड़कर वोट मांगने आते हैं, लेकिन बाद में जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ लेते हैं।
ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे प्रतिनिधियों को चुनने का अब उन्हें पछतावा हो रहा है, जो ग्राम सभा के विकास की बजाय केवल कुर्सी तक सीमित रह जाते हैं। लोगों ने प्रशासन से हस्तक्षेप कर समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है।

