इंदौर के रजवाड़ा इलाके में कथित कब्जे की साजिश, महिला ने रात में तोड़फोड़ और धमकी का लगाया आरोप, प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

Date:

इंदौर (मध्य प्रदेश) | विशेष रिपोर्ट

इंदौर शहर के थाना एमजी रोड क्षेत्र अंतर्गत रजवाड़ा, बक्शी गली से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 45 वर्षीय लक्ष्मी वर्मा, पिता स्वर्गीय राधे कृष्ण वर्मा, ने अपने मकान को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। लक्ष्मी वर्मा का कहना है कि पिछले 15 से 20 दिनों से उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और पैसे के बल पर उनका मकान हड़पने की कोशिश की जा रही है। यह मामला अब पूरे रजवाड़ा इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि वह पहले इसी मकान में किराएदार के रूप में रहती थीं। बाद में वर्ष 2022 में उन्होंने यह मकान स्वर्गीय कालूराम से विधिवत रूप से खरीद लिया था। तब से उनका पूरा परिवार इसी घर में रह रहा है और अब तक किसी भी तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई थी। लेकिन अचानक कुछ प्रभावशाली लोगों की नजर इस इलाके पर पड़ गई और पूरे रजवाड़ा को खाली कराने का दबाव बनने लगा।

पीड़िता के अनुसार, विपक्षी पक्ष में शामिल बताए जा रहे सुनील मथुरिया और सुनील अग्रवाल खुद को पैसे वाली पार्टी बताते हैं। आरोप है कि ये लोग पूरे रजवाड़ा क्षेत्र में करीब 200 से 250 घरों और दुकानों को खाली कराना चाहते हैं, ताकि वहां बड़े स्तर पर मॉल और व्यावसायिक प्रोजेक्ट तैयार किए जा सकें। इसके लिए लोगों को मोटी रकम का लालच दिया जा रहा है और जो लोग इनकार कर रहे हैं, उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है।
लक्ष्मी वर्मा का आरोप है कि उन्हें भी आठ लाख रुपये लेने और मकान खाली करने का दबाव बनाया गया। उनका कहना है कि रात के समय कुछ लोग आते हैं, तोड़फोड़ करते हैं और जानबूझकर भय का माहौल पैदा करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनीमों और अन्य लोगों की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है, जिससे आम परिवार असहाय महसूस कर रहे हैं।

पीड़िता ने बताया कि रजवाड़ा की मूल मालकिन वंदना देवी, जो काफी बुजुर्ग हैं, इस समय बेड रेस्ट पर हैं और किसी को कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। इसी स्थिति का फायदा उठाकर कथित तौर पर कुछ लोग खुद को पूरे इलाके का मालिक बताकर अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। लक्ष्मी वर्मा का कहना है कि जमींदारों की चुप्पी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
लक्ष्मी वर्मा का दर्द है कि यदि समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया तो उनके सिर से छत छिन सकती है। वे लगातार दर-दर भटकने को मजबूर हैं, लेकिन अब तक कहीं से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने मांग की है कि उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंचे और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो, ताकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के घर सुरक्षित रह सकें।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी मेले का किया अवलोकन

इ खबर रिपोर्टर - मोइनुद्दीन कुरैशी चित्तौड़गढ़, 26 दिसंबर।...

चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव बना आकर्षण का केंद्र, उमड़ी हजारों की भीड़

इ खबर रिपोर्टर - मोइनुद्दीन कुरैशी चित्तौड़गढ़, 26 दिसंबर। चित्तौड़गढ़...

अंतरजातीय प्रेम विवाह की सजा! 14 महीने बाद भी गांव में एंट्री बैन, नवदंपती को मिल रही धमकियां

ग्राम देवता महुआ टोला, पोस्ट-देकहा बाजार, मोतिहारी पूर्वी चम्पारण,...