पत्नी पर जानलेवा साजिश और गहनों की चोरी का आरोप, परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

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आज़मगढ़ :
उदाराम कापूरा गांव निवासी रामचंद्र गिरी पुत्र जयप्रकाश गिरी का विवाह वर्ष 2016 में मोनी गिरी से हुआ था। शुरुआत में पत्नी गांव में रही, इसके बाद रामचंद्र उसे अपने साथ लुधियाना ले गया, जहां दोनों किराए के मकान में रहने लगे।

रामचंद्र की बहन सविता गिरी ने मीडिया को बताया कि उनकी भाभी मोनी गिरी कई बार उनके भाई को जान से मारने की कोशिश कर चुकी है। आरोप है कि वह शराब में नशीली वस्तुएं मिलाकर पिलाती थी और अन्य युवकों के साथ उसके अवैध संबंध भी हैं। सविता ने यह भी कहा कि मोनी घर से सभी गहने और जेवरात लेकर फरार हो गई।

पीड़ित परिवार ने बताया कि पूरे मामले की शिकायत अहरौला थाने में दी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो और उन्हें न्याय दिलाया जाए।

पत्नी पर गंभीर आरोप, कार्रवाई की मांग

आजमगढ़: उदाराम कापूरा गांव निवासी रामचंद्र गिरी पुत्र जयप्रकाश गिरी का विवाह वर्ष 2016 में मोनी गिरी से हुआ था। शादी के शुरुआती एक महीने तक पत्नी गांव में रही, इसके बाद रामचंद्र उसे अपने साथ लुधियाना ले गया जहां वे किराए के मकान में रहने लगे।

रामचंद्र की बहन सविता गिरी ने मीडिया को बताया कि उनकी भाभी मोनी गिरी कई बार उनके भाई को जान से मारने की कोशिश कर चुकी है। आरोप है कि वह शराब में नशीली वस्तुएं मिलाकर पिलाती थी और कई अन्य युवकों के साथ उसके अवैध संबंध भी हैं।

अदालत में भी सुनवाई जारी

दूसरी ओर, अम्बेडकरनगर जिला न्यायालय (सिविल जज जू०डि० त्वरित प्रथम / जे०एम० अम्बेडकरनगर) में रामचन्द्र से जुड़ा एक संपत्ति विवाद का मामला भी विचाराधीन है। मामला संख्या 6610, फौजदारी संख्यांक 91619 के अंतर्गत दर्ज है। वर्ष 2018 में इस मामले में धारा 498 और 323 के तहत मुकदमा कायम किया गया था।

अदालत ने नोटिस जारी कर अगली तिथि पर हाजिर होने का निर्देश दिया है और साफ कहा है कि इस मामले में अनुपस्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सविता गिरी ने बताया कि मामले की शिकायत अहरौला थाने में दी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके परिवार को न्याय दिलाया जाए।

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सड़क विहीन लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द गांव: महिलाएं–बच्चे फंसे दलदल में, स्कूल जाना हुआ नामुमकिन – ग्रामीण बोले, “कब जागेगा प्रशासन?” स्थान: श्रावस्ती। थाना सिरसिया। पूरा पता: गांव – लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द शिवगढ़, थाना – सिरसिया, तहसील – बहराइच, जिला – श्रावस्ती (पूर्व में बस्ती), उत्तर प्रदेश। सड़क न होने से मुसीबत श्रावस्ती जिले के लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द शिवगढ़ गांव के हालात बद से बदतर हैं। गांव में सड़क तक नहीं बनी है, जिससे लोगों को आने-जाने में भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल से हालात और बिगड़ जाते हैं। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान गांव के लोग बताते हैं कि रास्ते इतने खराब हैं कि बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। महिलाएं और बुजुर्ग रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए भी घर से निकलने से डरते हैं। कीचड़ और फिसलन की वजह से किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। 27 वर्षीय अजमत ख़ां, पिता ननकू ख़ां, जो इसी गांव के रहने वाले हैं, ने भास्कर को बताया – “गांव में सड़क न होने से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और महिलाओं को झेलनी पड़ रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, बुजुर्ग और बीमार लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हालात जस के तस हैं।” पूरे गांव की यही स्थिति ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया। गांव के हर मोहल्ले और गली की यही हालत है। बरसात में घर से निकलना मानो जान जोखिम में डालने जैसा है। प्रशासन की लापरवाही पर सवाल लोगों का कहना है कि सरकार योजनाओं के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। सड़क न होने से गांव विकास से कट गया है और ग्रामीण मजबूरी में गंदगी और दलदल से गुजरने को विवश है अब सवाल यह है – आखिर कब तक लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द गांव के लोग सड़क और बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहेंगे? कब बच्चों को सुरक्षित रास्ता और महिलाओं को राहत मिलेगी? और क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही जिम्मेदार विभाग जागेगा?
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