पत्नी के अपहरण का मामला: हथियारबंद आरोपियों पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार!

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आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे जिसने पूरे भण्डारा गांव को झकझोर कर रख दिया है। ये घटना एक परिवार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है।

ग्राम भण्डारा निवासी अकबर ने अपनी पत्नी सुन्नती के अपहरण का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 14 जनवरी 2025 को दोपहर 2:30 बजे, जब वह घर पर नहीं थे, उनकी पत्नी अकेली थीं। इसी दौरान हरियाणा के नूंह जिले से आए 10-15 हथियारबंद आरोपी, जिनमें सिज्जा, इरसाद और तौफीक शामिल थे, थार गाड़ी और बाइकों पर सवार होकर उनके घर पहुंचे।

आरोप है कि इन लोगों ने घर में घुसकर उनकी पत्नी के साथ मारपीट की और जबरन उसे उठा ले गए। अकबर के भाई इकबाल ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसे छोड़ दिया गया।

पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में जानबूझकर देरी की जा रही है। उनका आरोप है कि आरोपियों की राजनीतिक पहुंच होने के कारण उन्हें खुला छोड़ा जा रहा है। इस घटना से परिवार बेहद डरा हुआ है और उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

सरकार और प्रशासन से हमारा सवाल है – क्या एक आम आदमी को इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा? क्या राजनीतिक दबाव के चलते अपराधियों को सजा नहीं मिलेगी?

क्या है पूरा मामला?

पत्नी के अपहरण का मामला: हथियारबंद आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम, पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

भण्डारा (जुरहरा), डीग: ग्राम भण्डारा निवासी अकबर पुत्र हमीदा ने अपनी पत्नी सुन्नती के अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस थाना जुरहरा में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

अकबर ने बताया कि 14 जनवरी 2025 को दोपहर करीब 2:30 बजे, जब वह घर पर नहीं थे, उनकी पत्नी अकेली थीं। इसी दौरान सिज्जा, इरसाद पुत्र सिज्जा, तौफीक पुत्र सिज्जा (जाति मेव), निवासी ग्राम चिलावली, थाना नूंह, जिला नूंह (हरियाणा), अपने 10-15 साथियों के साथ हथियारों से लैस होकर थार गाड़ी और बाइकों पर आए।

आरोप है कि आरोपियों ने घर में घुसकर सुन्नती के साथ मारपीट की और जबरन उन्हें उठा ले गए।

पुलिस की कार्रवाई और पीड़ित का आरोप:
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि एक आरोपी को गिरफ्तार करने के बावजूद पुलिस ने उसे राजनीतिक दबाव के चलते छोड़ दिया।

अकबर के भाई इकबाल ने मीडिया को जानकारी दी कि पुलिस की कार्रवाई में देरी हो रही है और आरोपियों के राजनीतिक पहुंच के कारण उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

पीड़ित परिवार की अपील:
परिवार का कहना है कि वे इस घटना से भयभीत और आहत हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है और पुलिस से अपील की है कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए।

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